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आदि कैलाश और माउंट कैलाश में क्या है अंतर, कैसे अलग हैं दोनों पर्वत, कहां है भगवान शिव और माता पार्वती का वास
May 7, 2025
Adi Kailash And Mount Kailash Me Antar: कैलाश मानसरोवर की यात्रा हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है। कहा जाता है जो एक बार कैलाश के दर्शन कर लेता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। हालांकि माउंट कैलाश और आदि कैलाश की यात्रा को लेकर लोग काफी कंफ्यूज रहते हैं। जानिए दोनों में क्या अंतर है?
कैलाश मानसरोवर यात्रा सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक है। हर किसी की चाहत होती है कि एक बार इस यात्रा पर जरूर जाएं। जुलाई 2025 से कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू होने वाले हैं। आप भी इस यात्रा का हिस्सा बनने का प्लान कर रहे हैं तो कैलाश मानसरोवर यात्रा के बारे में कुछ बातें आपको जान लेनी चाहिए। कैलाश मानसरोवर और आदि कैलाश को लेकर लोगों के मन में काफी सवाल हैं। कुछ लोग इस यात्रा को लेकर भी काफी कंफ्यूज रहते हैं। कई बार लोग इन दोनों को एक समझ लेते हैं लेकिन ऐसा नहीं हैं। आदि कैलाश और माउंट कैलाश दोनों अलग जगह पर हैं। दोनों दिखने में एक जैसे है लेकिन इनकी यात्रा अलग होती है। आइये जानते है धरती के दो कैलाशों के बारे में जिनका नाम तो एक है लेकिन वास्तव में भगवान शिव कहां वास करते हैं?
माउंट कैलाश और आदि कैलाश कैसे अलग हैं?
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव माता पार्वती के साथ कैलाश में रहते हैं। यह पर्वत अपने आप में ही रहस्यमय है क्योंकि आज तक कोई इसकी चढ़ाई नहीं कर पाया है। माउंट कैलाश चीन में हैं जिसकी वजह से पांच साल पहले इस यात्रा पर रोक लग गई थी। कैलाश मानसरोवर तीर्थ पर चीन ने 1962 पर कब्जा कर लिया था। माउंट कैलाश 6638 मीटर (21778 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। जबकि आदि कैलाश उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के अंतिम गांव में स्थित हैं। आदि कैलाश के जाने के लिए आपको न ही किसी वीजा की जरूरत है न ही भारत-चीन सीमा पार करने की। आदि कैलाश के दर्शन आप आराम से कर सकते हैं। आदि कैलाश और माउंट कैलाश पंच कैलाश का हिस्सा हैं। आपके पास अगर वीजा नहीं है तो आप आदि कैलाश के दर्शन कर सकते हैं।
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